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9 Jun 2022 · 9 min read

*6 फिल्म – पिया कि मेंहदी

*6फिल्म – पिया कि मेंहदी। 9515651283
स्क्रिप्ट – रौशन राय का। 7859042461
तारीख -04 -06 -2022

लंगुरिया का आदमी सलीम के पास बड़ी गुस्सा में पेड़ काटने वाले मशीन को लेकर आया और बोला ए सयाने चल फुट लें वर्णा इसी मशीन छोटे छोटे टुकड़े कर के तुम्हारे नई नवेली दुल्हन को भेज देंगे और फिर जाने लगा

सलीम – लगता है हमें ही तुझे गाड़ी में बिठाना होगा और पिछे से उसका काॅलर पकड़ा

कि लंगुरिया का आदमी सलीम पर उल्टा हाथ चलाया

सलीम ने उसे मारने लगा कि चार पांच और आ गया

सभी को सलीम ने गेंद कि तरह उछाल उछाल कर फुल एक्शन में मारा

अंत में सभी गुंडा अपना हाथ जोड़ लिया और जाकर गाड़ी में बैठ गया

जंगल में सभी लकड़ी काटने वाले को डर हों गया और वो जंगल में पेड़ काटने आना बंद कर लिया

जब लंगुरिया को इसका जानकारी हुआ तों वो आग कि तरह धधकने लगा

सलीम ने उस सभी गुंडों को जेल में लें जाकर ठुस दिया

समय बितने में समय नहीं लगा और आज पंद्रह दिन हो गए सलीम को गया हुआ

पिया कि जुदाई जरीना को बहुत सता रहा था पर वो अपने नये परिवार कि मर्यादा और पति कि नौकरी के लिए अपने आपको हमेशा खुश रखती थी

नाईदा मां अपने बेटी फ़िरदौस से – फ़िरदौस तुम अपने छोटी भाभी का ख्याल रखती है कि नहीं

फ़िरदौस – क्यों मम्मी मेरा शिकायत आहा हैं कि मैं भाभी का ख्याल नहीं रखती हूं

नाईदा मां – नहीं बेटा बात ये है कि अपने सब तुम्हारे भाभी के लिए नये हैं ये घर नया है उपर से सलीम नही है तो इस समय तुम ही और तुम्हारी बड़ी भाभी ही छोटी का ध्यान रखेगा

अब जरीना भी घर में काम काज करने लगी है और अपने सांस कि भी खुब सेवा करती हैं और जेठानी कि हर बात मानती है जिससे सब लोग जरीना से बहुत खुश रहते है

अपने सांस कि बात सुनकर जरीना ने कहा सांसु मां मेरी ननद और मेरी जेठानी मेरा बहुत ख्याल रखतें हैं मुझे तो कल्पना से भी सुंदर घर मिला है बस आप सब लोगों का प्यार हमें मिलता रहें यही अल्लाह ताला से अर्जी हैं

सब लोग हंसी खुशी जीवन जी रहे हैं
******
एक दिन रिजवान खान जरीना के मैके से थोड़े दुर के बाजार में कुछ खरीदारी करने गया था तों संयोग से वहां युनूस खान भी मिल गया

रिजवान खान – अरें युनूस खान कैसे हो भाई सब परिवार में खैरियत तों हैं नं

युनुस खान – पहले सलाम किया कहा बड़े भैया आप सब की दुआं और परवर दिगार के करम से सब कुछ और सब लोग खैरियत से हैं और आप सब कैसे हैं

रिजवान खान – हम लोग भी ठीक है फिर चल कर दोनों जन एक पान की दुकान पर पान खाने गये

युनूस खान – दुकानदार से भाई दो पान लगा देना

दुकानदार ने पान लगा कर दिया और दोनों जन पान खाएं युनूस खान पान वाले का बिल दिया और फिर दुआं सलाम के बाद युनूस खान चल दिया

रिजवान खान सोचने लगा युनूस खान एक बार भी अपने बहन के बारे में नहीं पुछा और पलट कर कहा

रिजवान – अरे युनूस मियां – आपने अपने बहन के बारे में कुछ नहीं पुछा

युनूस खान – भाई जान मैं अपने बहन के बारे में पुछकर आपका अपमान नही करना चाहता मैं जानता हूं कि आपके यहां और साथ में रहकर हमारी बहन बहुत खुश होगी और फोन पर जरीना हमेशा आप सबकी बहुत तारीफ करती रहती है वो कहती हैं कि हमारा परिवार दुसरा जन्नत और इसमें रहने वाले सभी लोग फरिश्ते है

रिजवान – कभी हमारे यहां भी आया करो

युनूस खान हां भाई जान आपका हुकुम सर आंखों पर और दोनों ने अपने घर का रास्ता लिया
******

लंगुरिया का पांच आदमी पकड़ कर सलीम ने जेल में डाल दिया और उस आदमी को बार बार टाॅचर किया जाता है कि वो किसके लिए काम करता है और इन लकड़ी का क्या करता है

पर वो पांच अपना मुंह नही खोला कुछ बताने के लिए तैयार था

वो इतना ही कह रहा था कि आॅफिसर तुम्हें जो करना है वो तुम हमारे साथ कर लें मौका मिलने पर हम तुम्हें ब्याज के साथ जों वापस करेंगे वो तुम सोच कर भी नहीं सोच सकता अभी तेरी बारी है कभी तो मेरी बारी आएगी

सलीम – अवे हमारे कस्टर्डी होकर हमें को धमकी देता है और सलीम उस गुंडे पर हाथ पैर और डंडे कि मार का बरसात कर दिया

गुंडे के मुंह से खून बहने लगा फिर भी वो कुछ नहींबोल रहा था

फिर से पुरे जंगल में लकड़ी काटना बंद हो गया जंगल के पशु पक्षी में कोई हलचल नहीं था

लंगुरिया – जों लकड़ी का एक्सपोर्ट करता था उसका एक्सपोर्ट अभी दो महिना से बंद हो गया है लंगुरिया जिन जिन लोगों से लकड़ी के लिए एडवांस लिया था वो सब एक दिन मिटिंग करके लंगुरिया से कहता है

लड़की खरीदार – क्या बात है लंगुरिया तुम्हारे लकड़ी हमारे पास नही पहुंच रहा है

लंगुरिया – देखिए एक आॅफिसर आया है और वो लकड़ी नहीं काटने देता

लकड़ी खरीदार – तो उसे पैसे का लालच दो

लंगुरिया – मैं ने ये सब करके देख लिया पर वो तो पुरे जंगल का सुरक्षा अपने उपर लें लिया है

लकड़ी खरीदार – देखो लंगुरिया ये सब तुम्हारा टेंशन है हम तुम्हें एडवांस पैसा सिर्फ लकड़ी के लिए दिया है

दुसरा लकड़ी खरीदार – अगर तुम से नही होगा तो मेरा एडवांस वापस करो हम लकड़ी के लिए दुसरा आदमी ढ़ुढेगा

लंगुरिया – नहीं नहीं आप सबको लकड़ी हम बहुत जल्दी ही पहुंचाएंगे मुझे इसके लिए थोड़ा सा वक्त चाहिए

तिसरा लकड़ी खरीदार – ठीक है टुम बोलो टुमको किटना समय चाहिए

लंगुरिया – मुझे आप सब लोगों से एक महिना का समय चाहिए

लकड़ी खरीदार – ठीक है हम टुमको ये समय देटा और उसके बाद कोई बाहाना नहीं चालेगा

चौथा लकड़ी खरीदार – लकड़ी आगर नहीं पहुंचा टो टुमको हमारा पैसा वापस करना ही होगा

लंगुरिया – ठीक है हमें आप सब कि बात मंजूर है

लकड़ी खरीदार – ओ के। और मीटिंग समाप्त हुआ

लंगुरिया फिर अपने आदमियों को बुला कर सबकै समझता है और कहता है कि उस आॅफिसर के साथ तुम लोग जो कर सकते हो करों पर हमें लकड़ी हर हाल में चाहिए

लंगुरिया का आदमी बोला बाॅस इस बार उसे हम जरुर पकड़ कर आपके सामने लाएंगे

लंगुरिया – ठीक है देखते हैं कि तुम सब इस बार क्या करते हो और दो महिना बीत गया सलीम को भी अपने बीवी का याद आने लगा तो उसने कुछ दिन के लिए अपने आॅफिस से छुट्टी मांगा

बड़े ऑफिसर – सलीम तुम्हारे काम से पुरा डिपार्टमेंट के छोटे बड़े सभी आॅफिसर बहुत खुश हैं इसलिए लिए कितने दिन का छुट्टी चाहिए

सलीम – सर आप जितने दिन का छुट्टी देना उचित समझें

आॅफिसर – ठीक है सलीम हम इस बार तुम्हें बारह दिन का छुट्टी देते हैं दस दिन तुम घर पर रहना और दो दिन आने जाने में

सलीम – ठीक है सर

और सलीम अपने घर पहुंच कर आवाज दिया मां भाभी फ़िरदौस सबके कहां हो पर अपने जरीना का नाम नहीं लिया लेकिन जरीना सलीम का आवाज सुन लिया

सबसे पहले मां निकल कर आई फिर भाभी

सलीम – अम्मी जान मेरी बहन फ़िरदौस कहा भाभी भैया कहां हैं

भाभी – अरे तुम ने जरीना के बारे में नहीं पुछा

सलीम – भाभी जरीना के बारे में पुछकर आप लोगों का तौहीन करना नहीं चाहता मुझे जरीना से फोन पर बातें होते रहता है वो आप सबकी बहुत तारीफ करती हैं

वो कहती हैं कि भाभी आप अम्मी भाई जान और अब्बा जान तो उस बहन बेटी बना लिया है

तब तक फ़िरदौस – आई और बोली मैं आपके बीवी को क्या तंग करती हूं यही कही होगी हमारे बारे में

सलीम – अपने बहन को गले लगाते हुए कहा नहीं रे छोटकी भाभी छोटी भाभी तों सबसे ज्यादा तुम्हारे ही गुनगान करती हैं वो फोन पर अपने इस परिवार को दुसरा जन्नत कर रही थी

अम्मी – अब्बा जान कहा गये है

अम्मी नाईदा – तुम्हारे अब्बा जान गये है बाजार से हरी सब्जियां और फल लाने

सलीम – ये सब तो अपने घर में आतें ही रहता है

अम्मी – तुम्हारे भाभी जान को डाक्टर से चेकअप करवाया तो डाक्टर ने कहा बच्चे सुंदर और स्वस्थ चाहिए तो आप अपने बहूं को हर साग सब्जियां और फल खिलाइएं इतना सुनते ही तुम्हारे पिता जी दो दिन पहले ही सब कुछ लाकर रख देते हैं

तब तक रिजवान खान भी जा आते है अरे सलीम मियां तुम कब आएं मेरे भाई वर्दी में तो तुम बहुत जच रहा है

सलीम खान – बस भाई जान अभी अभी आ रहा हूं

रिजवान खान चलों अब जाकर जरीना का भी हाल समाचार लें लों

नाईदा मां – हां बेटा जा अब कुछ देर बहूं से भी बात चीत कर लें बहुत ही सभ्य और आज्ञाकारी बीवी है तेरी हम सब तो उनके हर एक व्यवहार से बहुत खुश हैं जा बेटा जा बहूं के पास

सलीम – जी अम्मी और अपने कमरे में दाखिल होने लगा तों देखा जरीना पर्दे की आर में उनका इंतजार कर रही है

और आते ही सलीम खान ने जरीना को अपने बाहों में उठा लिया और कहा कैसी हो मेरी जान

जरीना – सलीम के गलें में अपनी बाहें डालती हुई बोली कैसे होना चाहिए आपके जान को

सलीम खान {हीरो} – एक नंबर बढ़िया

जरीना – तो मैं एक वैसे ही हूं

सलीम – कोई शिकवा गिला

जरीना – आंख बंद कर अपने सर को हिलाते हुए होंठों पर मुस्कान लिए बोली ऊहू कुछ भी नहीं

सलीम ने – जरीना को चुम लिया अभी तक जरीना सलीम के गोद में ही थी
******
युनूस खान जरीना के ससुराल आय सबने युनूस खान का दिल से स्वागत किया सलीम भी अपने साले साहब का हाल समाचार लिया और दिया.. युनूस खान ने जैनुल खान से कहा यदि आपका इजाजत हों तो मैं सलीम और। जरीना को दो चार दिन के लिए अपने यहां लें जाऊं

जैनुल खान – हां हां बेटा क्यों नहीं जरुर लें जाओ उसने तुरंत फ़िरदौस से कहा कि बेटी अपने छोटी भाभी को उनके मैके जाने कि तैयारी कर दें

सलीम और जरीना को संग लिए युनूस खान अपने घर पहुचे और चार दिन के बाद फिर जरीना सलीम अपने घर पहुंचा

और अब फिर सलीम के छुट्टी का समय समाप्त हो गया और अपने घर वालों से आज्ञा लेकर जाने से पहले जरीना को खुब प्यार किया और कहा

सलीम – जानेमन तुम्हें छोड़कर जाने का जी नहीं चाहता पर क्या करुं ये नौकरी भी तो करना है

जरीना – तो आप हमें ही लें चलिए

सलीम – जी तो हमारा भी यही चाहता है

जरीना – नही नही मैं नहीं जाती आपके साथ

सलीम खान {हीरो} क्यों भाई हम अपने बीवी को कुछ दिन के लिए साथ नही रह सकते

जरीना – हां कुछ दिन नही पुरे उम्र पर सब कुछ घर परिवार का देख कर

सलीम खान – क्या देख कर मेरे मेहबूबा

जरीना – यहि देखकर कि बड़ी दीदी का अब आठवां महीना चल रहा है और अब्बा जान कह रहे थे कि अब हमें फ़िरदौस कि निकाह का भी धीरे-धीरे तैयारी करना चाहिए और घर परिवार में ऐसा बहुत से माहौल होता है जिससे अपनों का होना बहुत जरूरी होता है

सलीम खान – जरीना को चुमते हुए कहा हां मेरी दिलरुबा मैं तों आपकी इसी अदा पर मरमीट जाता हूं अपना ख्याल रखना और मेरे मोहब्बत को सदा बचा कर रखना

जरीना – हां मेरे सरताज मैं आपकी हूं और आपका ही रहूंगी ये मेरा वादा है आपसे आप वे फिक्र हों जाइए और देश के प्रति अपना कर्तव्य निभाइएं

सलीम सबसे मिलकर अपने डियुटी के लिए चल देता है
******
इस बात कि जानकारी लंगुरिया को उसका एक आदमी देता है

बाॅस – आज सलीम आॅफिसर अपने घर से वापस डियुटी पर आ रहा है और यही मौका है कि उसे मार दें

लंगुरिया – नही उसे मारना नहीं है उसे किसी तरह बंदी बनाकर लालो और उसे ऐसे जगह पर रखो कि वो पल पल मरे पर उसे मौत न मिले जाओ तुम लोग जाओ और उसे किसी भी हालत में पकड़ कर हमारे पास लें आओ

सलीम बस से सफर कर रहा है लंगुरिया के आठ दस आदमी घात लगाकर सुनान जगह पर बैठा है

जैसे बस वहां पहुंचा कि लंगुरिया का सारा लोग बस पर धावा बोल दिया और ड्राइवर को बोला अगर जिंदगी चाहता है और इन सब के मौत का भागीदार नहीं बनना चाहता है तो बस को रोक

बस ड्राइवर ने अपने जान की खातिर बस नहीं रोका उसमें सफर कर रहे सारे यात्री के लिए बस रोक दिया

लंगुरिया के चार लोग बंदुक लिए बस में घुसा और यात्रियों से कहा तुम सब अगर चुपचाप बैठे रहोगे तो हम किसी को कुछ नहीं करेंगे

दुसरा – अगर कोई चलाकी दिखाने की कोशिश की तो वो अपना जान गंवाएगा

सलीम खान अपने सीट से उठा और बोला हाय कौन हैं रे तु सब अगर अपनी भला चाहता है तो बस से नीचे उतर जा और बस को जाने दें

Language: Hindi
126 Views
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