6) “जय श्री राम”
“जय श्री राम”
प्राण प्रतिष्ठा हुई राम लला की,
बाल स्वरूप है मूरत श्री राम की।
अधूरा रहता पूजन बिन प्राण प्रतिष्ठा के,
जीवित होता रूप जीवन शक्ति की स्थापना से।
प्रतिमा में समा गये पुरुषोत्तम राम,
नवीन वस्त्रों से सज गये श्री राम।
चंदन एवम् फूल मालाओं से हुआ शृंगार,
पंचोपचार कर किया भगवान राम को तैयार।
500 वर्षों की प्रतीक्षा का आया परिणाम,
दीप प्रज्वलित हुए चारों ओर राम धाम।
वाद विवादों का नहीं होगा अब भंडार,
दिव्य शक्ति का होता रहेगा भरपूर संचार।
देखो देखो…
सज गया अब मर्यादा पुरुषोत्तम का दरबार।
आदर्श होगा समाज श्री राम की रामायण से,
पहचान लेगी पीढ़ी दर पीढ़ी अब परायण से।
धरा पर होगा स्वर्ग का वास,
घर घर पहुँच रहा प्राण प्रसाद।
जागृत हो रहा हर एक इंसान,
आ गये मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम।
🙏🏻हे राम हे राम🙏🏻
✍🏻स्व-रचित/मौलिक
सपना अरोरा ।