Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 May 2024 · 1 min read

52…..रज्ज़ मुसम्मन मतवी मख़बोन

52…..रज्ज़ मुसम्मन मतवी मख़बोन
मुफ़तइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़तइलुन मुफ़ाइलुन 2112 1212 2112 1212 29.3.24
लूट लिया है तुमने फिर, देश को अपनी चालों से
धोखे हमे मिले हैं, मक्कार बने दलालों से
$
खौफ जदा रहे मगर, मुर्दे गड़े उखाड़े कब
खूब प्रहार झेलते, लिपटे रहे कँकालो से
$
आज तो कायनात में, जोर लगा के रहता तू
सीख नहीं सका कभी, पांव तलों के छालों से
$
हमने भी खाई कसमे, छोड़ेंगे उसे कभी नहीं
रंग जमा के रखने वाला ही, है डरा गुलालो से
$
पांव बंधे जहाँ वहीं हथकड़ी भी लगा रखो
देश निकाला करने वालो ये भी सुनते सालों से
$
मन को बड़ी यहाँ हिदायत, सुविधा नहीं जरा
तोड़ कहाँ निकाल पाते, दुविधा के तालों से
$
सुशील यादव
न्यू आदर्श नगर दुर्ग (छ.ग.)
susyadav7@gmail.com
7000226712

29 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इन्सान बन रहा महान
इन्सान बन रहा महान
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
■ आज का संकल्प...
■ आज का संकल्प...
*प्रणय प्रभात*
तेरी तस्वीर को लफ़्ज़ों से संवारा मैंने ।
तेरी तस्वीर को लफ़्ज़ों से संवारा मैंने ।
Phool gufran
ग़ज़ल _ शरारत जोश में पुरज़ोर।
ग़ज़ल _ शरारत जोश में पुरज़ोर।
Neelofar Khan
बुंदेली दोहा बिषय- नानो (बारीक)
बुंदेली दोहा बिषय- नानो (बारीक)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
।। श्री सत्यनारायण ब़त कथा महात्तम।।
।। श्री सत्यनारायण ब़त कथा महात्तम।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जुल्फें तुम्हारी फ़िर से सवारना चाहता हूँ
जुल्फें तुम्हारी फ़िर से सवारना चाहता हूँ
The_dk_poetry
है आँखों में कुछ नमी सी
है आँखों में कुछ नमी सी
हिमांशु Kulshrestha
3080.*पूर्णिका*
3080.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नारी जगत आधार....
नारी जगत आधार....
डॉ.सीमा अग्रवाल
- वह मूल्यवान धन -
- वह मूल्यवान धन -
Raju Gajbhiye
बोझ लफ़्ज़ों के दिल पे होते हैं
बोझ लफ़्ज़ों के दिल पे होते हैं
Dr fauzia Naseem shad
विभेद दें।
विभेद दें।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
न्याय तो वो होता
न्याय तो वो होता
Mahender Singh
?????
?????
शेखर सिंह
मुझे मुहब्बत सिखाते जाते
मुझे मुहब्बत सिखाते जाते
Monika Arora
फ़ानी
फ़ानी
Shyam Sundar Subramanian
*जिंदगी मुझ पे तू एक अहसान कर*
*जिंदगी मुझ पे तू एक अहसान कर*
sudhir kumar
जिंदगी तुझको सलाम
जिंदगी तुझको सलाम
gurudeenverma198
ईमानदारी. . . . . लघुकथा
ईमानदारी. . . . . लघुकथा
sushil sarna
कितने दिन कितनी राते गुजर जाती है..
कितने दिन कितनी राते गुजर जाती है..
shabina. Naaz
यादों के जंगल में
यादों के जंगल में
Surinder blackpen
‘पितृ देवो भव’ कि स्मृति में दो शब्द.............
‘पितृ देवो भव’ कि स्मृति में दो शब्द.............
Awadhesh Kumar Singh
कॉलेज वाला प्यार
कॉलेज वाला प्यार
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मुक्तक -*
मुक्तक -*
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
शाकाहारी बने
शाकाहारी बने
Sanjay ' शून्य'
"फितरत"
Ekta chitrangini
Echoes By The Harbour
Echoes By The Harbour
Vedha Singh
आया बाढ नग पहाड़ पे🌷✍️
आया बाढ नग पहाड़ पे🌷✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
धवल दीक्षित (मुक्तक)
धवल दीक्षित (मुक्तक)
Ravi Prakash
Loading...