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12 Nov 2024 · 1 min read

4944.*पूर्णिका*

4944.*पूर्णिका*
🌷 जब चाहोगे तुम 🌷
22 22 2
जब चाहोगे तुम ।
सब पाओगे तुम ।।
आती मंजिल चल ।
समझाओगे तुम ।।
गीत जहाँ सुंदर।
यूं गाओगे तुम ।।
बढ़ते हाथ पकड़ ।
सच जानोगे तुम ।।
खुशियाँ दे खेदू।
जां मानोगे तुम ।।
……✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
12-11-2024मंगलवार

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