4912.*पूर्णिका*
4912.*पूर्णिका*
🌷 जो भी होगा देख लेंगे 🌷
22 22 2122
जो भी होगा देख लेंगे।
खेल तमाशा देख लेंगे।।
अपना है जो साथ अपना।
चलके रास्ता देख लेंगे।।
चाहत अपनी खूबसूरत।
कैसा वास्ता देख लेंगे।।
करते है मुहब्बत जिसे दिल ।
दुनिया कहती देख लेंगे।।
खुशियांँ प्यारी सोच खेदू।
मंजिल मंजिल देख लेंगे।।
…….✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
09-11-2024शनिवार