4862.*पूर्णिका*
4862.*पूर्णिका*
🌷 हम देते खुशी अपनी 🌷
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हम देते खुशी अपनी।
तुम देते खुशी अपनी।।
दुनिया बदलती सच में ।
सब देते खुशी अपनी।।
ना तकलीफ है ना दर्द।
मस्त देते खुशी अपनी।।
धरती आसमां देखो।
यूं देते खुशी अपनी।।
भूखे प्यार का खेदू।
रब देते खुशी अपनी।।
……..✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
06-11-2024बुधवार