4855.*पूर्णिका*
4855.*पूर्णिका*
🌷 रंग बदल जाते हो तुम 🌷
22 22 22 2
रंग बदल जाते हो तुम ।
ढंग बदल जाते हो तुम ।।
रात यहाँ काली काली ।
बात बदल जाते हो तुम ।।
चालाकी का खेल नहीं ।
चाल बदल जाते हो तुम ।।
दिल अपना नाम तुम्हारें ।
चाह बदल जाते हो तुम ।।
सब मालूम यहाँ खेदू।
साज बदल जाते हो तुम ।।
…..✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
05-11-2024सोमवार