4798.*पूर्णिका*
4798.*पूर्णिका*
🌷 चाहत पूरी होने वाली 🌷
22 22 22 22
चाहत पूरी होने वाली।
देख मनाएं फिर दीवाली ।।
बदला दामन बदली दुनिया।
खुशियांँ हरदम आने वाली ।।
चूभे ना कांटे पाँव यहाँ ।
कलियाँ भी महकाने वाली ।।
सोच जहाँ है सुंदर सुंदर।
अपनी मंजिल मिलने वाली।।
दीपों सा हम जलते खेदू।
काली कालिख मिटने वाली।।
…….✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
31-10-2024गुरुवार