4735.*पूर्णिका*
4735.*पूर्णिका*
🌷 समय कहते संग चल 🌷
2122 212
समय कहते संग चल ।
समय रहते संग चल ।।
देख बगियां महकती ।
समय महते संग चल ।।
आज अपना क्या यहाँ ।
समय सहते संग चल ।।
रोज बह जीवन नदी।
समय बहते संग चल ।।
संभले खेदू जहाँ ।
समय ढ़हते संग चल ।।
……….✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
22-10-2024मंगलवार