4688.*पूर्णिका*
4688.*पूर्णिका*
🌷 दर्द क्या नहीं जानते 🌷
22 22 212
दर्द क्या नहीं जानते।
मर्ज क्या नहीं जानते।।
दिल से कर ले बस दुआ ।
हर्ज क्या नहीं जानते।।
सोच यहाँ बदले कहाँ ।
तर्ज क्या नहीं जानते।।
चाहत सब मालूम है ।
फर्ज क्या नहीं जानते।।
साथी खेदू नेक सा।
कर्ज क्या नहीं जानते।।
……….✍️ डॉ. खेदू भारती। “सत्येश “
17-10-2024 गुरुवार