4685.*पूर्णिका*
4685.*पूर्णिका*
🌷 वक्त भी बदलते देखा 🌷
22 212 22
वक्त भी बदलते देखा।
दिल भी मचलते देखा।।
दुख में सुख जहाँ मिलते।
सच भी टहलते देखा।।
गाते गीत हरदम हम ।
मन भी बहलते देखा।।
रहते बीच का रास्ता ।
सिल भी पिघलते देखा।।
ऐसी समस्या नहीं खेदू।
हल भी निकलते देखा।।
…..✍️ डॉ. खेदू भारती। “सत्येश “
17-10-2024 गुरुवार