Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Oct 2024 · 1 min read

4677.*पूर्णिका*

4677.*पूर्णिका*
🌷 डर डर कर रहते क्यों 🌷
22 22 22
डर डर कर रहते क्यों ।
मर मर कर रहते क्यों।।
पाना है खोना भी ।
भर भर कर रहते क्यों।।
बनते भाग्य विधाता ।
हर हर कर रहते क्यों।।
झरना देखो मोहक ।
झर झर कर रहते क्यों।।
साथ निभाते खेदू।
दर दर कर रहते क्यों।।
……..✍️ डॉ. खेदू भारती। “सत्येश “
16-10-2024 बुधवार

29 Views

You may also like these posts

आ
*प्रणय*
वेदना वेदना की
वेदना वेदना की
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
गीता श्लोक अध्याय 1: *अर्जुन विषाद योग* हिन्दी
गीता श्लोक अध्याय 1: *अर्जुन विषाद योग* हिन्दी
अमित
देख यायावर!
देख यायावर!
सोनू हंस
एक अनु उतरित प्रश्न
एक अनु उतरित प्रश्न
पं अंजू पांडेय अश्रु
कागज का रावण जला देने से क्या होगा इस त्यौहार में
कागज का रावण जला देने से क्या होगा इस त्यौहार में
Ranjeet kumar patre
#ਪੁਕਾਰ
#ਪੁਕਾਰ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
कामवासना मन की चाहत है,आत्मा तो केवल जन्म मरण के बंधनों से म
कामवासना मन की चाहत है,आत्मा तो केवल जन्म मरण के बंधनों से म
Rj Anand Prajapati
अनंत है जिंदगी अनन्त के लिए
अनंत है जिंदगी अनन्त के लिए
Anant Yadav
*चराईदेव के मैदाम (कुंडलिया)*
*चराईदेव के मैदाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
THE STORY OF MY CHILDHOOD
THE STORY OF MY CHILDHOOD
ASHISH KUMAR SINGH
राही
राही
Vivek saswat Shukla
बीवी के अंदर एक मां छुपी होती है,
बीवी के अंदर एक मां छुपी होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"सतरंगी बस्तर"
Dr. Kishan tandon kranti
8 आग
8 आग
Kshma Urmila
2566.पूर्णिका
2566.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
दो दिन की जिंदगी है अपना बना ले कोई।
दो दिन की जिंदगी है अपना बना ले कोई।
Phool gufran
वाटिका विध्वंस
वाटिका विध्वंस
Jalaj Dwivedi
गवाह तिरंगा बोल रहा आसमान 🇮🇳
गवाह तिरंगा बोल रहा आसमान 🇮🇳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
एक गीत सुनाना मैं चाहूं
एक गीत सुनाना मैं चाहूं
C S Santoshi
खुद स्वर्ण बन
खुद स्वर्ण बन
Surinder blackpen
शब्द बहुत शक्तिशाली होते है हालांकि शब्दो के दाँत नही होते ल
शब्द बहुत शक्तिशाली होते है हालांकि शब्दो के दाँत नही होते ल
Ashwini sharma
*मुर्गा की बलि*
*मुर्गा की बलि*
Dushyant Kumar
मेरे अल्फाजों के
मेरे अल्फाजों के
हिमांशु Kulshrestha
नश्वर है मनुज फिर
नश्वर है मनुज फिर
Abhishek Kumar
ये जो अशिक्षा है, अज्ञानता है,
ये जो अशिक्षा है, अज्ञानता है,
TAMANNA BILASPURI
वेदों की जननी…नमन तुझे!
वेदों की जननी…नमन तुझे!
मनोज कर्ण
"सुख पहेली है, दुख पहेली है ll
पूर्वार्थ
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
कुछ अजीब सा चल रहा है ये वक़्त का सफ़र,
कुछ अजीब सा चल रहा है ये वक़्त का सफ़र,
Shivam Sharma
Loading...