4674.*पूर्णिका*
4674.*पूर्णिका*
🌷 दिल की बात जानता हूँ 🌷
2221 2122
दिल की बात जानता हूँ ।
हर सौगात जानता हूँ ।।
सच सबकुछ यहाँ मुनासिब।
यूं औकात जानता हूँ ।।
देखो चांद चांदनी से।
काली रात जानता हूँ ।।
बहती धार मस्त नदी की ।
सब हालात जानता हूँ ।।
वक्त भी साथ साथ खेदू।
ना प्रतिघात जानता हूँ ।।
……….✍️ डॉ. खेदू भारती। “सत्येश “
16-10-2024 बुधवार