4668.*पूर्णिका*
4668.*पूर्णिका*
🌷 भरते यूं तिजोरी यहाँ 🌷
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भरते यूं तिजोरी यहाँ ।
करते मुंहजोरी यहाँ ।।
महके जिंदगी देखिए ।
खाते मस्त बिजोरी यहाँ ।।
सुंदर काम अपना भला।
सजते मन निबोरी यहाँ ।।
बादल बरसते प्यार का ।
हरते हस्त किलोरी यहाँ ।।
दमखम देख खेदू रखे।
दुनिया हल हिलोरी यहाँ ।।
…….✍️ डॉ. खेदू भारती। “सत्येश “
16-10-2024 बुधवार