4613.*पूर्णिका*
4613.*पूर्णिका*
🌷 कोई अपना लगे 🌷
22 2212
कोई अपना लगे।
कोई सपना लगे।।
ध्वनियां गूँजे यहाँ ।।
कोई जपना लगे।।
देख धधक हृदय की ।
कोई तपना लगे।।
बनती सुर्खियाँ कभी ।
कोई छ्पना लगे।।
कद क्या खेदू जहाँ ।
कोई नपना लगे ।।
……..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
11-10-2024 शुक्रवार