4588.*पूर्णिका*
4588.*पूर्णिका*
🌷 देख करते नखरे 🌷
2122 22
देख करते नखरे।
रोज रखते नजरें ।।
जिंदगी भी अपनी।
सोच कहते निखरें ।।
प्यार की भी बारिश ।
नेक होते फजरें।।
डर नहीं कुछ रख तू।
छोड़ जाते खतरें ।।
बस उजाला खेदू।
रौशनी बोते बिखरें ।।
……..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
09-10-2024 बुधवार