4565.*पूर्णिका*
4565.*पूर्णिका*
🌷 समझ नहीं पाया 🌷
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समझ नहीं पाया ।
परख नहीं पाया ।।
बदले कुछ दुनिया।
फरक नहीं पाया ।।
दिल की चाहत क्या।
दरक नहीं पाया ।।
स्वर्ग की बात यहाँ।
नरक नहीं पाया ।।
समस्या हल खेदू।
सुलझ नहीं पाया ।।
……..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
07-10-2024 सोमवार