4518.*पूर्णिका*
4518.*पूर्णिका*
🌷 जीने की बात करते रहे 🌷
22 2212 212
जीने की बात करते रहे ।
मरने की बात करते रहे ।।
कहते कुछ रोज संभव नहीं ।
डरने की बात करते रहे ।।
मिलती खुशियांँ यहाँ देख लो।
भरने की बात करते रहे ।।
ना अब मंजिल मिली दुख नहीं ।
हरने की बात करते रहे ।।
लगती कितनी जहाँ मेहनत।
करने की बात करते रहे ।।
रखते खेदू कदम फूंक कर ।
लड़ने की बात करते रहे ।।
……✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
03-10-2024 बुधवार