4517.*पूर्णिका*
4517.*पूर्णिका*
🌷 आया फिर दिन अपना 🌷
22 22 22
आया फिर दिन अपना।
गाया फिर दिन अपना।।
खुशियाली रोज यहाँ ।
लाया फिर दिन अपना।।
दुनिया भर रंग जमे।
छाया फिर दिन अपना।।
मौसम देख सुहाना ।
भाया फिर दिन अपना।।
साथ जहाँ अब खेदू।
पाया फिर दिन अपना।।
……✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
03-10-2024 बुधवार