4504.*पूर्णिका*
4504.*पूर्णिका*
🌷 रखते कुछ बात अपनी 🌷
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रखते कुछ बात अपनी।
कहते कुछ बात अपनी।।
महके जीवन चमन सा।
रहते कुछ बात अपनी।।
सुख देती यातनाएँ ।
सहते कुछ बात अपनी।।
अंधेरा भी मिटे अब ।
ढ़हते कुछ बात अपनी।।
रखना खुद ख्याल खेदू।
चहते कुछ बात अपनी।।
……….✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
01-10-2024 मंगलवार