4497.*पूर्णिका*
4497.*पूर्णिका*
🌷 कौन वफादार हुए 🌷
22 22 22
कौन वफादार हुए।
कौन समझदार हए ।।
अपने और पराये।
सब देख गद्दार हुए ।।
सेंके अपनी रोटी ।
कैसें दमदार हुए ।।
बस झूठ फरेब यहाँ।
सच पानीदार हुए ।।
खुशियाँ बांटे खेदू।
खुद से दिलदार हुए ।।
……..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
30-09-2024 सोमवार