4495.*पूर्णिका*
4495.*पूर्णिका*
🌷 जीवन रोना नहीं 🌷
22 2212
जीवन रोना नहीं ।
कुछ भी बोना नहीं ।।
कर ले मुहब्बत हसीं ।।
दुनिया खोना नहीं ।।
सफल वही जागते ।
नाहक सोना नहीं ।।
नजरें ये फलक तक ।
मिलते कोना नहीं ।।
जाने खेदू यहाँ ।
क्या कब होना नहीं ।।
……….✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
30-09-2024 सोमवार