4489.*पूर्णिका*
4489.*पूर्णिका*
🌷 बात तुम्हारी क्यों सुने 🌷
22 22 212
बात तुम्हारी क्यों सुने।
बात हमारी क्यों सुने।।
जीना मरना जानते।
देख लचारी क्यों सुने ।।
बदले ये हालात कब।
पर हितकारी क्यों सुने।।
जीते रोते हँसते ।
दुनिया न्यारी क्यों सुने।।
बढ़ते खेदू शान रख।
जनता प्यारी क्यों सुने।।
…….✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
30-09-2024 सोमवार