4488.*पूर्णिका*
4488.*पूर्णिका*
🌷 बात तुम्हारी कौन सुने 🌷
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बात तुम्हारी कौन सुने।
देख लचारी कौन सुने।।
महके महके चमन कहाँ ।
पीड़ाहारी कौन सुने।।
रास्ता भी चलते अपना।
ये बेकारी कौन सुने ।।
चिंता में डूबे दुनिया।
बातें प्यारी कौन सुने।।
गम क्या है खुशियां खेदू।
मन किलकारी कौन सुने।।
……..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
30-09-2024 सोमवार