4482.*पूर्णिका*
4482.*पूर्णिका*
🌷 जिंदगी हम कुरबान करते 🌷
212 22 2122
जिंदगी हम कुरबान करते।
मेहनत हम कुरबान करते।।
बदलती रहती रोज दुनिया ।
नेक खुशियाँ कुरबान करते ।।
बेवफा साजन देखते कब ।
फूल बगियां कुरबान करते।।
पार दरिया पतवार कश्तियाँ ।
मोतियां भी कुरबान करते।।
संवरे ये तकदीर खेदू।
रात दिन सच कुरबान करते।।
……✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
29-09-2024 रविवार