4481.*पूर्णिका*
4481.*पूर्णिका*
🌷 कुरबान करते वतन के लिए🌷
2212 212 212
कुरबान करते वतन के लिए ।
जजमान करते वतन के लिए ।।
अपनी जहाँ जिंदगी महकती ।
अभिमान करते वतन के लिए ।।
भटके नहीं राह चलते यहाँ ।
आह्वान करते वतन के लिए ।।
बदले जमाना भले सच बने।
संधान करते वतन के लिए ।।
देते खुशी देख खेदू हमें ।
वरदान करते वतन के लिए।।
……✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
29-09-2024 रविवार