4476.*पूर्णिका*
4476.*पूर्णिका*
🌷 नाकों चना चबाते हम🌷
22 1212 22
नाकों चना चबाते हम।
देखो पना पिलाते हम ।।
बाजी पलट पलट जीते।
जानो बना बनाते हम ।।
कैसे कहे यहाँ मौसम।
मानो दनादनाते हम।।
दुनिया रहे मस्ती में यूं ।
मांगों मना मनाते हम ।।
बलिदां हुए बहुत खेदू।
अपना हुनर दिखाते हम ।।
………✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
28-09-2024 शनिवार