4459.*पूर्णिका*
4459.*पूर्णिका*
🌷 चाहत से बनती बात है🌷
22 22 2212
चाहत से बनती बात है ।
किसकी कितनी औकात है ।।
मस्त रहते रखते नेक दिल ।
प्यार यहाँ सच सौगात है ।।
संवरती हरदम जिंदगी ।
होती रोज मुलाकात है ।।
छोड़ चले जब नादानियां।
देखो सुंदर हालात है।।
दामन थामे खेदू यहाँ ।
जीत यहाँ अपनी मात है ।।
…….✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
27-09-2024 शुक्रवार