4449.*पूर्णिका*
4449.*पूर्णिका*
🌷 चाहत जान गए🌷
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चाहत जान गए ।
यूं पहचान गए ।।
बात बनेगी सच ।
जब भी मान गए ।।
देखा किसने कल ।
सीना तान गए ।।
जीवन मस्त सुंदर।
तज अभिमान गए ।।
नेक यहाँ खेदू।
दुनिया छान गए ।।
……..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
26-09-2024 गुरुवार