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20 Sep 2024 · 1 min read

4390.*पूर्णिका*

4390.*पूर्णिका*
🌷 समस्याओं का रोना रोते🌷
22 22 22 22
समस्याओं का रोना रोते ।
भाग्य नहीं जो होना होते।।
बदलेगी फिर दुनिया कैसी।
बेफिक्र होकर सोना सोते।।
सब कुछ जाने सितमगर यहाँ ।
बस बीज जहाँ बोना बोते।।
हासिल मंजिल देते खुशियांँ ।
कुछ भी ना हम खोना खोते।।
भीड़ लगे हैं क्योंकर खेदू।
जीवन अपना धोना धोते।।
……..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
20-09-2024 शुक्रवार

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