4345.*पूर्णिका*
4345.*पूर्णिका*
🌷 तुम पर ही हम मरते हैं🌷
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तुम पर ही हम मरते हैं ।
यूं आहें हम भरते हैं ।।
लाख दर्द मिले हमको।
प्यार तुझे हम करते हैं ।।
दुनिया बदली आज जहाँ ।
राह नयी हम धरते हैं ।।
रोज भला ही हो सबका
नेकी से हम तरते हैं ।।
तन मन धन समर्पित खेदू।
खुद से खुद हम डरते हैं ।।
……..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
16-09-2024 सोमवार