3879.*पूर्णिका*
3879.*पूर्णिका*
🌷 हार क्या जीत यहाँ🌷
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हार क्या जीत यहाँ ।
दुश्मन भी मीत यहाँ ।।
बस भरोसा करते।
नेक सुंदर रीत यहाँ ।।
हँसते गुजरे दिन ।
देख गाते गीत यहाँ ।।
दूर कर ले नफरत ।
मोहब्बत नीत यहाँ ।।
साथअपना खेदू।
सोच यूं भीत यहाँ ।।
…..✍ डॉ खेदू भारती”सत्येश”
8.8.2024शनिवार