3527.*पूर्णिका*
3527.*पूर्णिका*
दिन आज मस्ताना हुआ
22 22 212
दिन आज मस्ताना हुआ।
दिल यूं दीवाना हुआ ।।
फूल खिले महके चमन ।
मन भी परवाना हुआ।।
साथ यहाँ जाने जिगर।
बेफिक्र अफसाना हुआ।।
खुशियां देखो प्यार में ।
मस्त देख जमाना हुआ ।।
सच खेदू बिंदास हम ।
बस कदम बढ़ाना हुआ ।।
……..✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
04-06-2024मंगलवार