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3 May 2024 · 1 min read

3384⚘ *पूर्णिका* ⚘

3384⚘ पूर्णिका
🌹 सब मतलब के यार हुए 🌹
22 22 22 2
सब मतलब के यार हुए।
काम अच्छा बेकार हुए।।
बदले ना सोच पुरातन ।
सपनें बंठाधार हुए।।
त्याग नहीं ना कुछ समर्पण ।
किसके बेड़ापार हुए।।
दिन में यूं तारे देखे।
सपना कब साकार हुए ।।
साहिल खेदू दरियादिल।
समझो बस अवतार हुए।।
…….✍ डॉ .खेदू भारती “सत्येश “
03-05-2024शुक्रवार

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