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2 May 2024 · 1 min read

3376⚘ *पूर्णिका* ⚘

3376⚘ पूर्णिका
🌹
दिन महीना साल गुजर जाते हैं🌹
2122 22 22 22
दिन महीना साल गुजर जाते हैं ।
होत पूरे ख्वाब बिखर जाते हैं ।।
जिंदगी की होती अजब कहानी।
बिगड़ते कुछ कुछ संवर जाते हैं।।
किस्मत के लोग धनी होते हैं सच।
चेहरा भी खूब निखर जाते है।।
महकते है कोई खुशियांँ बनके।
प्यार से कर गुजर बसर जाते हैं ।।
हार माने कौन भला अब खेदू।
नासमझ देख चढ़ शिखर जाते हैं।।
……..✍ डॉ .खेदू भारती “सत्येश “
02-05-2024गुरुवार

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