Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Apr 2024 · 1 min read

3298.*पूर्णिका*

3298.*पूर्णिका*
🌷 मिलती है सुविधा 🌷
22 22 2
मिलती है सुविधा।
दूर करें दुविधा।।
जीवन भी प्यारा।
सुंदर सीख विधा।।
काटे जहर यहाँ ।
घुलती रोज सुधा ।।
संकल्प लें जब हम ।
आती सच श्रीधा।।
मस्त व्यस्त यूं खेदू।
रहता काम सधा ।।
………✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
22-04-2024सोमवार

1 Like · 96 Views

You may also like these posts

सब ठीक है ।
सब ठीक है ।
Roopali Sharma
- अरमानों का जलना -
- अरमानों का जलना -
bharat gehlot
मोहब्बते
मोहब्बते
डिजेन्द्र कुर्रे
उज्जैयिनी
उज्जैयिनी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मृग-मरीचिका
मृग-मरीचिका
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
चाँद से मुलाकात
चाँद से मुलाकात
Kanchan Khanna
मेरे भारत की नारी - डी. के निवतिया
मेरे भारत की नारी - डी. के निवतिया
डी. के. निवातिया
🙅नुमाइंदा_मिसरों_के_साथ
🙅नुमाइंदा_मिसरों_के_साथ
*प्रणय*
प्रकृति
प्रकृति
Mangilal 713
"मनुज बलि नहीं होत है - होत समय बलवान ! भिल्लन लूटी गोपिका - वही अर्जुन वही बाण ! "
Atul "Krishn"
इज़्जत भरी धूप का सफ़र करना,
इज़्जत भरी धूप का सफ़र करना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
! हिमालय हितैषी !!
! हिमालय हितैषी !!
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
अंधेरे में भी ढूंढ लेंगे तुम्हे।
अंधेरे में भी ढूंढ लेंगे तुम्हे।
Rj Anand Prajapati
टपरी पर
टपरी पर
Shweta Soni
अदम गोंडवी
अदम गोंडवी
Dr. Kishan tandon kranti
*स्वजन जो आज भी रूठे हैं, उनसे मेल हो जाए (मुक्तक)*
*स्वजन जो आज भी रूठे हैं, उनसे मेल हो जाए (मुक्तक)*
Ravi Prakash
चाहत नहीं और इसके सिवा, इस घर में हमेशा प्यार रहे
चाहत नहीं और इसके सिवा, इस घर में हमेशा प्यार रहे
gurudeenverma198
सुनहरा सूरज
सुनहरा सूरज
आशा शैली
माँ तुम्हारी गोद में।
माँ तुम्हारी गोद में।
अनुराग दीक्षित
मैं तेरी मुस्कान बनूँगा.
मैं तेरी मुस्कान बनूँगा.
Pappu Kumar Shetty
आओ मृत्यु का आव्हान करें।
आओ मृत्यु का आव्हान करें।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
તે છે સફળતા
તે છે સફળતા
Otteri Selvakumar
शुभांगी छंद
शुभांगी छंद
Rambali Mishra
*पुरानी पेंशन हक है मेरा(गीत)*
*पुरानी पेंशन हक है मेरा(गीत)*
Dushyant Kumar
...... तड़प उसकी.......
...... तड़प उसकी.......
Mohan Tiwari
मुझे भी बतला दो कोई जरा लकीरों को पढ़ने वालों
मुझे भी बतला दो कोई जरा लकीरों को पढ़ने वालों
VINOD CHAUHAN
4566.*पूर्णिका*
4566.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
उपहार
उपहार
sheema anmol
शब्द-वीणा ( समीक्षा)
शब्द-वीणा ( समीक्षा)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
ग़ज़ल _ रूठते हो तुम दिखाने के लिये !
ग़ज़ल _ रूठते हो तुम दिखाने के लिये !
Neelofar Khan
Loading...