3296.*पूर्णिका*
3296.*पूर्णिका*
🌷 बात पुरानी हो जाती है 🌷
22 22 22 22
बात पुरानी हो जाती है ।
देख कहानी हो जाती है ।।
दुनिया जैसी थी आज नहीं ।
भार जुबानी हो जाती हैं ।।
भूल लड़कपन ज्ञानी बनते ।
नाश जवानी हो जाती है ।।
कीमत देखो किस्मत बदलती।
राह लगानी हो जाती है ।।
सपनों का है जीवन खेदू।
शान निशानी हो जाती है ।।
………✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
21-04-2024रविवार