3264.*पूर्णिका*
3264.*पूर्णिका*
🌷 वक्त निकलता नहीं 🌷
212 212
वक्त निकलता नहीं ।
दिल पिघलता नहीं ।।
बेरहम बस कहे।
यूं फिसलता नहीं ।।
महकती जिंदगी।
मन बिलखता नहीं ।।
झूठ भी क्या करें।
सच बिचकता नहीं ।।
साथ खेदू रहे।
जग बिखरता नहीं ।।
………✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
11-04-2024गुरुवार