3263.*पूर्णिका*
3263.*पूर्णिका*
🌷 आज जो है कल नहीं होगा 🌷
2122 212 22
आज जो है कल नहीं होगा ।
बस बता क्या हल नहीं होगा ।।
देख हरदम बदलता मौसम ।
बोल ऐसा पल नहीं होगा।।
फूल बगियां में खिले प्यारे।
सच वहाँ कुछ छ्ल नहीं होगा।।
प्यास बुझती है कहाँ अपनी ।
कौन देगा जल नहीं होगा।।
खुश रहेंगे हम जहाँ खेदू।
जान बंटे दल नहीं होगा।।
………..✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
11-04-2024गुरुवार