3260.*पूर्णिका*
3260.*पूर्णिका*
🌷 साथी मेरे बन जाओगे 🌷
22 22 22 22
साथी मेरे बन जाओगे।
अपनी मंजिल पा जाओगे।।
नाम कमाते आगे बढ़ते।
दुनिया भर में छा जाओगे।।
मत बनना तुम नादान यहाँ ।
दिल से सबको भा जाओगे।।
मुहब्बत मेरी जब जान गए ।
तब नफरत सब ढ़ा जाओगे ।।
दामन अपना सुंदर खेदू ।
यूं छोड़ अहं आ जाओगे।।
……..✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
10-04-2024बुधवार