3250.*पूर्णिका*
3250.*पूर्णिका*
🌷 झूठा नहीं🌷
2212
झूठा नहीं ।
रूठा नहीं ।।
सपना यहाँ ।
टूटा नहीं ।।
है बस गुस्सा ।
फूटा नहीं ।।
यूं लूट है
लूटा नहीं ।।
खेदू चमन।
छूटा नहीं ।।
……….✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
08-04-2024सोमवार