3250.*पूर्णिका*
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3250.*पूर्णिका*
🌷 सब कुछ जानती है जनता 🌷
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सब कुछ जानती है जनता ।
सीना तानती है जनता।।
सब सुख भोगते है नेता।
सच पहचानती है जनता।।
क्या है हक हकीकत जग में ।
सबको मानती है जनता।।
जीवन आज रंग बिरंगे।
दुनिया छानती है जनता।।
हिल जाती सत्ता भी खेदू।
जब जब ठानती है जनता।।
……….✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
09-04-2024मंगलवार