3243.*पूर्णिका*
3243.*पूर्णिका*
🌷 सुनने की सुंदर बात मिलती है🌷
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सुनने की सुंदर बात मिलती है ।
बढ़ने की यूँ सौगात मिलती है ।।
हम ना जाने मौसम यहाँ कैसा।
खुशियाँ हमको दिन रात मिलती है।।
अपनी तो दुनिया देख प्यारी-सी।
जीत जहाँ न कभी मात मिलती है ।।
आज बुलंद इरादा यहाँ रख चल ।
अपनों से पल पल घात मिलती है।।
महके हरदम ये जिंदगी खेदू ।
चाहत बदले हालात मिलती है।।
………✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
07-04-2024रविवार