3230.*पूर्णिका*
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3230.*पूर्णिका*
🌷 खुशियों का संसार चाहते हैं🌷
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खुशियों का संसार चाहते हैं ।
हम तो सच में प्यार चाहते हैं।।
दामन थामे साथ भी निभाए ।
जीने का आधार चाहते हैं ।।
हम भी बनते चमकते सितारें ।
बस सुंदर उपहार चाहते हैं ।।
झूमे गाए रंग है बसंती।
दिल से दिल दिलदार चाहते हैं ।।
दुनिया में हम खुशनसीब खेदू।
हर सपना साकार चाहते हैं ।।
………✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
03-04-2024बुधवार