Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Apr 2024 · 1 min read

3226.*पूर्णिका*

3226.*पूर्णिका*
🌷 समझदारी से कदम रखते🌷
2122 212 22
समझदारी से कदम रखते।
सफलता के स्वाद भी चखते।।
सोच अपनी बहुत सुंदर है ।
रोज मीठे स्वाद भी चखते ।।
हार कर दिल प्यार में यारों ।
देख दुनिया स्वाद भी चखते ।।
रैन बसते चैन से सच में ।
रोज बढिया स्वाद भी चखते।।
दे खुशी बस गम नहीं कुछ खेदू।
आज हरदम स्वाद भी चखते।।
………✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
02-04-2024मंगलवार

111 Views

You may also like these posts

सुख दुख के साथी
सुख दुख के साथी
Annu Gurjar
माँ वीणा वरदायिनी, बनकर चंचल भोर ।
माँ वीणा वरदायिनी, बनकर चंचल भोर ।
जगदीश शर्मा सहज
डॉ अरुण कुमार शास्त्री एक अबोध बालक
डॉ अरुण कुमार शास्त्री एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मत जागरूकता
मत जागरूकता
Juhi Grover
3428⚘ *पूर्णिका* ⚘
3428⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
जंगल जंगल जाकर हमने
जंगल जंगल जाकर हमने
Akash Agam
inner voice!
inner voice!
कविता झा ‘गीत’
"आँखों की नमी"
Dr. Kishan tandon kranti
मिलने को उनसे दिल तो बहुत है बेताब मेरा
मिलने को उनसे दिल तो बहुत है बेताब मेरा
gurudeenverma198
कोई किसी के लिए जरुरी नहीं होता मुर्शद ,
कोई किसी के लिए जरुरी नहीं होता मुर्शद ,
शेखर सिंह
कॉलेज वाला प्यार
कॉलेज वाला प्यार
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
अब मत पूछो
अब मत पूछो
Bindesh kumar jha
आँखों मे नये रंग लगा कर तो देखिए
आँखों मे नये रंग लगा कर तो देखिए
MEENU SHARMA
ग़म मौत के ......(.एक रचना )
ग़म मौत के ......(.एक रचना )
sushil sarna
धूप  में  निकलो  घटाओं  में नहा कर देखो।
धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो।
इशरत हिदायत ख़ान
आईना ने आज़ सच बोल दिया
आईना ने आज़ सच बोल दिया
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जय श्री राम
जय श्री राम
Indu Singh
नम आंखों से ओझल होते देखी किरण सुबह की
नम आंखों से ओझल होते देखी किरण सुबह की
Abhinesh Sharma
मौत के बाज़ार में मारा गया मुझे।
मौत के बाज़ार में मारा गया मुझे।
Phool gufran
अर्थहीन हो गई पंक्तियां कविताओं में धार कहां है।
अर्थहीन हो गई पंक्तियां कविताओं में धार कहां है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
कुछ ज़ब्त भी
कुछ ज़ब्त भी
Dr fauzia Naseem shad
Why does Not Heaven Have Visiting Hours?
Why does Not Heaven Have Visiting Hours?
Manisha Manjari
Kya ajeeb baat thi
Kya ajeeb baat thi
shabina. Naaz
निश्छल प्रेम के बदले वंचना
निश्छल प्रेम के बदले वंचना
Koमल कुmari
इक चमन छोड़ आये वतन के लिए
इक चमन छोड़ आये वतन के लिए
Mahesh Tiwari 'Ayan'
आप हँसते हैं तो हँसते क्यूँ है
आप हँसते हैं तो हँसते क्यूँ है
Shweta Soni
🥀 * गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 * गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बेटी है हम हमें भी शान से जीने दो
बेटी है हम हमें भी शान से जीने दो
SHAMA PARVEEN
हमने तुम्हें क्या समझा था,
हमने तुम्हें क्या समझा था,
ओनिका सेतिया 'अनु '
नफ़्स
नफ़्स
निकेश कुमार ठाकुर
Loading...