3213.*पूर्णिका*
3213.*पूर्णिका*
🌷 हम कुछ भी कर जाते🌷
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हम कुछ भी कर जाते।
मार यहाँ मर जाते ।।
रखते भोली सूरत ।
मन सबका हर जाते।।
संग हमारे देखो।
ये दुनिया तर जाते ।।
करते परवाह जहाँ ।
आँखें भी भर जाते।।
संभाल जरा खेदू।
नाहक दर दर जाते।।
……✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
30-03-2024शनिवार