3204.*पूर्णिका*
3204.*पूर्णिका*
🌷🌷 अब तो वास्ता तुम्हीं से है🌷🌷
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अब तो वास्ता तुम्हीं से है ।
सच सब रास्ता तुम्हीं से है ।।
रंग यहाँ रूप क्या कैसे।
सारे दास्तां तुम्हीं से है ।।
महकेगी जिंदगी अपनी ।
दिल में आस्था तुम्हीं से है ।।
दुनिया भी खूबसूरत यूं ।
खुद का शास्ता तुम्हीं से है ।।
सोच बड़े है रखे खेदू।
सारा जाब्ता तुम्हीं से है ।।
………..✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
29-03-2024शुक्रवार