3202.*पूर्णिका*
3202.*पूर्णिका*
🌷 वक्त के साथ वक्त होता है🌷
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वक्त के साथ वक्त होता है ।
बस तू बेवजह रोता है ।।
दुनिया बदलती है देखो।
पाते देख कुछ खोता है ।।
बढ़ते काफिलों का ये पथ।
फेल वही रट्टू तोता है ।।
करके रोज उल्लु सीधा सब ।
गंगा में पाप यूं धोता है ।।
मंजिल तो मेहनत से खेदू।
होती फसल जो बोता है ।।
………✍ डॉ .खेदूभारती”सत्येश”
28-03-2024गुरुवार