3196.*पूर्णिका*
3196.*पूर्णिका*
🌷 नजरें सब चुराने वाले🌷
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नजरें सब चुराने वाले ।
भाते कब पुराने वाले ।।
देखो नियम बदले दुनिया।
अपना मन लगाने वाले।।
मौसम रंग जैसे बदले।
वैसे जन नचाने वाले ।।
अपना स्वार्थ साधे इंसां ।
कौन कहाँ बनाने वाले ।।
ठेंगा यूं दिखाते खेदू।
सर आँखों बिठाने वाले।।
…………✍ डॉ .खेदूभारती”सत्येश”
27-03-2024बुधवार