3189.*पूर्णिका*
3189.*पूर्णिका*
🌷 करना क्या है सोच पाते🌷
22 22 2122
करना क्या है सोच पाते ।
मरना क्या है सोच पाते ।।
होते हर सपने हकीकत।
दुनिया क्या है सोच पाते ।।
महके महके फूल बगियां।
खिलना क्या है सोच पाते ।।
दौर यहाँ है अजब देखो।
मंजर क्या है सोच पाते ।।
खुशियांँ मिलती रोज खेदू।
करतब क्या है सोच पाते ।।
………✍ डॉ .खेदूभारती”सत्येश”
26-03-2024मंगलवार